सरकार का ई-रिक्शा और ई-कार्ट पर कड़ा एक्शन, ई-रिक्शा को लेकर नए नियम हुए लागु – E-Rickshaw New Rules

E-Rickshaw New Rules : अगर आप या आपके जानने वाले लोग ई-रिक्शा से सफर करते हैं या चला रहे हैं, तो ये खबर आपके लिए बेहद जरूरी है। देश में ई-रिक्शा और ई-कार्ट की सुरक्षा को लेकर सरकार अब एक्टिव मोड में आ गई है। वजह है – लगातार बढ़ते सड़क हादसे और घटिया क्वालिटी की बैटरियों की वजह से बढ़ता खतरा।

अब सिर्फ सस्ते में गाड़ी बेचना नहीं चलेगा

कई इलाकों में आज भी ऐसे ई-रिक्शा चल रहे हैं जिनमें लेड-एसिड बैटरियां लगी हैं। ये बैटरियां सस्ती जरूर हैं, लेकिन खतरा बहुत बड़ा है। न पर्यावरण के लिए ठीक, न यात्रियों की सुरक्षा के लिहाज से। इसलिए सरकार ने पहले ही लेड एसिड बैटरियों पर पाबंदी लगा रखी है, लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही है।

अब सरकार ने तय किया है कि इस लापरवाही को और नहीं चलने दिया जाएगा।

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रेटिंग सिस्टम से तय होगी गाड़ी की असली क्वालिटी

अब सरकार ई-रिक्शा और ई-कार्ट के लिए भी रेटिंग सिस्टम लेकर आने वाली है। अभी तक यह सुविधा सिर्फ कारों व बड़े वाहनों के लिए थी, लेकिन अब हल्के वाहनों को भी मानकों पर खरा उतरना होगा। इसका मतलब यह कि कंपनियों को यह दिखाना पड़ेगा कि उनकी गाड़ी कितनी सुरक्षित है और कौन-कौन से टेस्ट उसने पास किए हैं।

बैटरी, चेसिस और स्पीड सब कुछ होगा जांच के दायरे में

नए नियमों के मुताबिक कंपनियों को बैटरी, चेसिस, ब्रेकिंग सिस्टम जैसी अहम चीजों की जांच करवानी होगी। बिना क्वालिटी टेस्ट पास किए रेटिंग और सर्टिफिकेट नहीं मिलेगा। इससे ग्राहक भी समझ पाएंगे कि कौन सी गाड़ी वाकई में भरोसे के लायक है।

अब नहीं छुपा पाएंगे गाड़ियों की असली स्पीड

एक और बड़ा खुलासा हुआ है। कई कंपनियां जानबूझकर अपनी गाड़ियों की असली स्पीड छुपा रही हैं। वजह? नियम कहता है कि 25 किमी/घंटा से कम स्पीड वाली गाड़ियों को रजिस्ट्रेशन की जरूरत नहीं होती। तो कंपनियां स्पीड को कम दिखा देती हैं, ताकि कागजी झंझट से बचा जा सके।

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अब सरकार ने तय किया है कि ऐसे वाहनों के लिए भी रजिस्ट्रेशन अनिवार्य किया जाएगा। इससे नकली डेटा और गड़बड़ी पर रोक लगेगी।

लेड एसिड बैटरी: सस्ती लेकिन खतरनाक

इस पूरी मुहिम का सबसे बड़ा कारण है लेड एसिड बैटरियों का खतरा। ये बैटरियां जहरीले रसायनों से भरी होती हैं। पर्यावरण को नुकसान पहुंचाती हैं और आग लगने का खतरा भी ज्यादा होता है। वहीं लीथियम बैटरियां हल्की, सुरक्षित और टिकाऊ होती हैं। लेकिन कंपनियां सस्ते के चक्कर में अभी भी खतरनाक विकल्प इस्तेमाल कर रही हैं।

अब ई-रिक्शा और ई-कार्ट में भी होगी पारदर्शिता

सरकार का ये कदम निश्चित ही ग्राहकों और यात्रियों की सुरक्षा को मजबूत करेगा। नकली या सस्ते वाहनों की पहचान आसान होगी और जो निर्माता ईमानदारी से काम कर रहे हैं, उन्हें बढ़ावा मिलेगा। आने वाले समय में ई-रिक्शा और ई-कार्ट का सफर और ज्यादा सुरक्षित, भरोसेमंद और टिकाऊ होने जा रहा है।

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