Electricity Subsidy – मध्यप्रदेश के ब्यावरा इलाके के लोगों के लिए नया वित्तीय साल थोड़ी परेशानी लेकर आया है। बिजली कंपनी ने घरेलू, पंप और व्यवसायिक कनेक्शनों की दरें बढ़ा दी हैं। यूनिट के हिसाब से बात करें तो बिजली अब 18 से 20 पैसे प्रति यूनिट महंगी हो गई है। हालांकि ये बढ़ोतरी बहुत ज्यादा नहीं है, लेकिन इसका सीधा असर उपभोक्ताओं की जेब पर पड़ेगा।
सबसे ज्यादा दिक्कत उन लोगों को होगी जो पहले से ही अपने पुराने बिजली बिलों की रकम चुका नहीं पाए हैं। अब तो कंपनी ने बकाया वसूली को लेकर भी कड़ा रुख अपना लिया है।
बकाया बिल वालों की खैर नहीं
एक तरफ दरें बढ़ी हैं और दूसरी ओर कंपनी अब बकाया बिलों की वसूली में सख्ती दिखा रही है। अप्रैल में भी ये अभियान चालू रहेगा और जितनी बिजली खर्च होगी, उतनी ही राशि की मांग की जाएगी।
कंपनी ने साफ कर दिया है कि अब बिल समय पर भरना ही होगा, वरना बिजली काट दी जाएगी। दरअसल, कंपनी चाहती है कि उपभोक्ता समय पर भुगतान करें ताकि घाटा न बढ़े और बिजली सप्लाई भी बनी रहे।
घरेलू उपभोक्ताओं पर असर कितना पड़ा
अब बात करते हैं आम आदमी की जेब पर पड़े असर की। पहले जहां एक यूनिट बिजली की कीमत करीब 6 रुपये 20 पैसे थी, अब वो बढ़कर 6 रुपये 38 पैसे हो गई है।
मान लीजिए कोई व्यक्ति हर महीने 150 यूनिट बिजली खर्च करता है, तो अब उसे लगभग 977 रुपये का बिल आएगा। ये बिल इस तरह बनता है:
- एनर्जी चार्ज: 727 रुपये
- यूल कॉस्ट: 51 रुपये
- ड्यूटी: 78 रुपये
- फिक्स चार्ज: 121 रुपये
लेकिन इसमें राहत की बात ये है कि सरकार इस पर 569 रुपये की सब्सिडी दे रही है। यानी उपभोक्ता को असल में सिर्फ 408 रुपये चुकाने होंगे। इससे ये तो साफ है कि दरें बढ़ने के बावजूद सब्सिडी अभी भी लोगों के लिए राहत बनी हुई है।
किसानों के लिए पंप कनेक्शन भी महंगा
खेती-किसानी करने वालों को भी अब बिजली के लिए ज्यादा पैसे चुकाने होंगे। पंप कनेक्शन पर भी 18 पैसे प्रति यूनिट की बढ़ोतरी की गई है।
इससे सिंचाई का खर्च बढ़ेगा और वो भी ऐसे समय में जब किसान पहले से ही खाद, बीज और डीजल की कीमतों से परेशान हैं। हालांकि कंपनी कह रही है कि ग्रामीण इलाकों में बिजली की उपलब्धता और सप्लाई पर खास ध्यान दिया जा रहा है, लेकिन असली असर तो समय के साथ ही पता चलेगा।
छोटे व्यापारियों पर और भी ज्यादा असर
सबसे ज्यादा 20 पैसे की बढ़ोतरी उन कनेक्शनों पर की गई है जो दुकानों और व्यापारिक कामों के लिए हैं।
अब दुकानदारों को हर यूनिट पर 20 पैसे ज्यादा देने होंगे। गर्मियों में जब बिजली की खपत वैसे भी ज्यादा होती है, तब ये बढ़ोतरी उनके मासिक खर्च को बढ़ा देगी।
ब्यावरा के एक दुकानदार राजेश सोनी बताते हैं कि वे हर महीने करीब 400 यूनिट बिजली खर्च करते हैं। अब उनका बिल करीब 80 से 100 रुपये तक ज्यादा आ रहा है। उन्होंने कहा कि व्यापार तो बढ़ नहीं रहा, लेकिन खर्च लगातार बढ़ते जा रहे हैं।
राहत दे रही है सब्सिडी स्कीम
हालात चाहे जैसे भी हों, लेकिन सरकार की सब्सिडी स्कीम अभी भी आम लोगों के लिए सहारा बनी हुई है।
150 यूनिट तक की खपत पर सब्सिडी दी जा रही है और अगर रीडिंग 27 से 36 दिन के बीच हुई है, तो 180 यूनिट तक राहत मिल सकती है। इसका सबसे ज्यादा फायदा उन परिवारों को मिलेगा जो सामान्य तौर पर हर महीने 100 से 150 यूनिट तक बिजली का इस्तेमाल करते हैं।
यह स्कीम खासकर लो इनकम वाले परिवारों के लिए काफी मददगार साबित हो रही है।
दरें बढ़ी क्यों, इसका जवाब भी है
बिजली दरों में यह बढ़ोतरी मध्यप्रदेश विद्युत विनियामक आयोग ने तय की है। कंपनी के एक अधिकारी अरविंद रानोलिया ने बताया कि यह बढ़ोतरी ज्यादा नहीं है और इसका मकसद सप्लाई की लागत को बैलेंस करना है।
उनका कहना है कि उपभोक्ताओं को जहां सस्ती बिजली मिल रही है, वहीं उन्हें समय पर बिल चुकाने और बिजली का सही इस्तेमाल करने की भी जिम्मेदारी लेनी चाहिए।
बिजली महंगी जरूर हुई है, लेकिन सरकार की तरफ से मिल रही सब्सिडी अब भी लोगों के लिए राहत का जरिया बनी हुई है। अगर आप हर महीने 150 यूनिट तक बिजली का उपयोग करते हैं, तो चिंता की जरूरत नहीं है।
बस ध्यान रखें कि बिल समय पर भरें और अनावश्यक बिजली खर्च न करें। जो लोग पहले से बकाया बिलों में फंसे हैं, उन्हें भी अब सतर्क हो जाना चाहिए, क्योंकि कंपनी की सख्ती अब असली रूप में दिखने लगी है।