LPG Cylinder Prices – महंगाई की मार से पहले ही लोग परेशान हैं और अब गैस सिलेंडर के दामों में हुई बढ़ोतरी ने आम जनता की मुश्किलें और बढ़ा दी हैं। अब LPG सिलेंडर भरवाने के लिए पहले से ज्यादा पैसे देने पड़ेंगे। अगर आप भी हर महीने सिलेंडर भरवाते हैं तो ये खबर आपके लिए जरूरी है।
अब और महंगा हुआ LPG सिलेंडर
एलपीजी सिलेंडर की कीमतों में एक बार फिर इजाफा कर दिया गया है। घरेलू इस्तेमाल वाले 14.2 किलो के सिलेंडर के दाम सभी कैटेगरी के लिए बढ़ाए गए हैं। यानी चाहे आप उज्ज्वला योजना के लाभार्थी हों या सामान्य ग्राहक, दोनों के लिए अब गैस भरवाना महंगा हो गया है।
दिल्ली में कितने का हुआ सिलेंडर
दिल्ली की बात करें तो यहां नॉर्मल उपभोक्ताओं को अब 853 रुपये देने होंगे। पहले ये सिलेंडर 803 रुपये में मिल रहा था। वहीं, उज्ज्वला योजना के तहत जिन उपभोक्ताओं को सब्सिडी मिलती है, उनके लिए भी दाम बढ़ गए हैं। उन्हें अब 503 की जगह 553 रुपये देने होंगे।
बाकी शहरों में क्या हाल है
देश की बाकी जगहों पर भी यही हाल है। हर राज्य में गैस की कीमत बढ़ा दी गई है। कोलकाता में अब एक सिलेंडर के लिए 879 रुपये देने होंगे। मुंबई में ये रेट 852.50 रुपये तक पहुंच गया है, जबकि चेन्नई में 868.50 रुपये में सिलेंडर मिल रहा है।
लखनऊ और पटना में कहां पहुंचा दाम
उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में अब एलपीजी सिलेंडर के लिए 890.50 रुपये चुकाने होंगे। पटना में ये रेट बढ़कर 951 रुपये तक पहुंच गया है। वहीं जयपुर में गैस की कीमत 856.50 रुपये हो गई है और देहरादून में एक सिलेंडर के लिए अब 850.50 रुपये देने होंगे।
शिमला और भोपाल में कितना महंगा हुआ सिलेंडर
शिमला में गैस सिलेंडर का रेट अब 897.50 रुपये हो गया है। भोपाल के लोगों को 858.50 रुपये देने होंगे। वहीं गुजरात के गांधी नगर में भी दाम बढ़कर 878.50 रुपये हो चुके हैं। श्रीनगर में तो सिलेंडर की कीमत 969 रुपये हो गई है, जो अब तक की सबसे ऊंची कीमतों में से एक है।
अन्य शहरों में भी बढ़े रेट
इंदौर में सिलेंडर 881 रुपये का हो गया है, साउथ अंडमान में ये 929 रुपये में मिल रहा है। डिब्रूगढ़ में दाम 852 रुपये, कारगिल में 985.50 रुपये और विशाखापट्टनम में 861 रुपये हो गए हैं। साफ है कि देश के किसी भी कोने में अब सस्ता गैस सिलेंडर नहीं मिल रहा।
क्यों बढ़े दाम
सरकार की ओर से इस बढ़ोतरी को लेकर सफाई भी आई है। केंद्रीय मंत्री का कहना है कि हर दो से तीन हफ्ते में गैस सिलेंडर के दामों की समीक्षा की जाती है और उसी के आधार पर रेट तय किए जाते हैं। इस बार जो बढ़ोतरी हुई है, वो एक तरह से कंपनियों को हुए घाटे की भरपाई के लिए की गई है।
तेल कंपनियों को गैस की सप्लाई में भारी नुकसान हुआ है। उन्हें करीब 43 हजार करोड़ रुपये का घाटा हुआ है, जिसे रिकवर करने के लिए प्रोडक्ट टैक्स यानी उत्पाद शुल्क में इजाफा किया गया है। इसी वजह से एलपीजी की कीमतें बढ़ानी पड़ी हैं।
पेट्रोल और डीजल पर असर नहीं
हालांकि सरकार ने साफ कर दिया है कि इस बढ़ोतरी का असर पेट्रोल और डीजल पर नहीं पड़ेगा। मतलब ये कि पेट्रोल और डीजल की कीमतें फिलहाल जैसी हैं, वैसी ही रहेंगी। लेकिन एलपीजी सिलेंडर की महंगाई ने आम आदमी की जेब पर बड़ा असर डाला है।
क्या मिल सकती है राहत
फिलहाल तो ऐसा नहीं लग रहा कि जल्द कोई राहत मिलेगी। हालांकि उज्ज्वला योजना के तहत सब्सिडी का फायदा कुछ हद तक राहत जरूर देता है, लेकिन कुल मिलाकर हर महीने बढ़ते सिलेंडर के दामों से लोगों का बजट बिगड़ना तय है।
एलपीजी सिलेंडर की बढ़ती कीमतों ने आम लोगों की चिंताओं में इजाफा कर दिया है। हर महीने सिलेंडर की कीमत कुछ न कुछ बढ़ती ही जा रही है और इसका सीधा असर किचन के खर्च पर पड़ रहा है। आने वाले समय में अगर तेल कंपनियों का घाटा नहीं रुका, तो सिलेंडर की कीमतें और भी ऊपर जा सकती हैं। इसलिए अब वक्त है कि सरकार इस पर कोई स्थायी समाधान निकाले, ताकि आम आदमी को थोड़ी राहत मिल सके।