Land Registry New Rules – अब जमीन की रजिस्ट्री के लिए घंटों सरकारी दफ्तरों के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे और न ही दलालों से झिकझिक करनी पड़ेगी। सरकार ने रजिस्ट्री की प्रक्रिया को पूरी तरह डिजिटल बना दिया है और 15 अप्रैल 2025 से ये नए नियम लागू हो गए हैं।
हालांकि कुछ रिपोर्ट्स में इसे 1 जनवरी से लागू बताया गया है, लेकिन असली असर अब दिखेगा। इस बदलाव से न सिर्फ रजिस्ट्री आसान होगी, बल्कि भ्रष्टाचार पर भी लगाम लगेगी।
क्या है बदलाव
सरकार का मकसद जमीन से जुड़ी रजिस्ट्री प्रक्रिया को पारदर्शी, सुरक्षित और फुली ऑनलाइन बनाना है। इसके लिए कुछ खास बदलाव किए गए हैं जो हर जमीन खरीदने-बेचने वाले को जानना जरूरी है।
1. अब सबकुछ ऑनलाइन होगा
पहले दस्तावेज लेकर रजिस्ट्री ऑफिस जाना पड़ता था, लाइन में लगना पड़ता था और फॉर्म भरने से लेकर फीस जमा करने तक हर स्टेप पर वक्त और पैसा दोनों खर्च होते थे। लेकिन अब ये सबकुछ डिजिटल हो गया है।
आपको सिर्फ सरकारी पोर्टल पर जाकर आवेदन करना है, जरूरी डॉक्युमेंट्स अपलोड करने हैं और फीस भरनी है।
2. आधार से लिंकिंग अनिवार्य
हर रजिस्ट्रेशन के लिए आधार कार्ड लिंक करना जरूरी होगा। इसके पीछे मकसद है बायोमेट्रिक वेरिफिकेशन जिससे फर्जीवाड़ा रोका जा सके।
संपत्ति के दस्तावेज सीधे व्यक्ति के आधार से जुड़ जाएंगे ताकि किसी और के नाम पर न हो पाए।
3. वीडियो रिकॉर्डिंग भी जरूरी
अब रजिस्ट्रेशन के दौरान वीडियो रिकॉर्डिंग अनिवार्य कर दी गई है। ये इसलिए ताकि अगर भविष्य में कोई विवाद हो तो उस वीडियो को सबूत के तौर पर पेश किया जा सके।
4. ऑनलाइन फीस पेमेंट
अब रजिस्ट्री फीस और स्टांप ड्यूटी क्रेडिट कार्ड, डेबिट कार्ड, नेट बैंकिंग या यूपीआई के ज़रिए ही जमा करनी होगी। कैश ट्रांजेक्शन पूरी तरह से बंद कर दिया गया है।
फायदे क्या होंगे
- सबसे पहला फायदा ये है कि अब आपको ऑफिस के चक्कर नहीं लगाने होंगे।
- दूसरा, पारदर्शिता बढ़ेगी क्योंकि हर चीज का रिकॉर्ड डिजिटल होगा।
- तीसरा, डिजिटल सिग्नेचर और वीडियो रिकॉर्डिंग से रजिस्ट्री काफी सुरक्षित हो जाएगी।
- चौथा, पूरा काम तेजी से होगा, यानी वक्त बचेगा।
भ्रष्टाचार पर लगाम
कैश लेने-देन खत्म होने से दलाली और घूसखोरी जैसी चीजों पर काफी हद तक कंट्रोल होगा।
ऑनलाइन फीस पेमेंट से हर चीज का रिकॉर्ड रहेगा और गड़बड़ी की गुंजाइश कम होगी।
पुराने और नए सिस्टम में फर्क
- पहले कागजी दस्तावेज लेकर जाना पड़ता था, अब ऑनलाइन अपलोड होंगे
- पहले सुरक्षा का कोई ठोस इंतजाम नहीं था, अब बायोमेट्रिक और वीडियो रिकॉर्डिंग से सिक्योरिटी बढ़ गई
- पहले पारदर्शिता नहीं थी, अब हर स्टेप ट्रैक किया जा सकता है
- पहले पूरा दिन लग जाता था, अब कुछ घंटों में प्रक्रिया पूरी हो सकती है
क्या-क्या डॉक्युमेंट्स चाहिए
- आधार कार्ड – बायोमेट्रिक वेरिफिकेशन के लिए
- पैन कार्ड – पहचान के लिए
- प्रॉपर्टी के दस्तावेज – रजिस्ट्री के लिए
- बैंक अकाउंट की जानकारी – फीस पेमेंट के लिए
प्रक्रिया क्या है
- सबसे पहले सरकारी पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन करें
- फिर जरूरी डॉक्युमेंट्स स्कैन करके अपलोड करें
- ऑनलाइन फीस भरें
- डॉक्युमेंट्स का वेरिफिकेशन ऑनलाइन होगा
- अपॉइंटमेंट मिलेगा बायोमेट्रिक वेरिफिकेशन के लिए
- रजिस्ट्री ऑफिस जाकर फिंगरप्रिंट और फोटो लिया जाएगा
- इसके बाद रजिस्ट्रार डिजिटल सिग्नेचर करेंगे
- आपको डिजिटल सर्टिफिकेट मिल जाएगा
सरकार के इन नए नियमों से जमीन की खरीद-बिक्री काफी आसान हो गई है। अब किसी एजेंट के भरोसे बैठे रहने की जरूरत नहीं है और ना ही घंटों लाइन लगाने की।
डिजिटल सिस्टम से न सिर्फ प्रक्रिया तेज होगी, बल्कि पारदर्शिता और सुरक्षा भी बढ़ेगी। इन बदलावों से उम्मीद की जा रही है कि आम जनता को बड़ी राहत मिलेगी और भ्रष्टाचार पर भी काबू पाया जा सकेगा।