Gold Rate Today : पिछले कुछ दिनों से सोने और चांदी की कीमतें जरा ज़्यादा ड्रामेबाज़ी कर रही हैं! कभी बढ़ रही हैं, कभी गिर रही हैं – और इसका सीधा असर पड़ता है हमारे जेब और निवेश प्लान्स पर। अगर आप भी सोच रहे हैं कि सोना या चांदी खरीदना है, तो रुकिए जनाब, पहले ये जान लीजिए कि मार्केट में क्या चल रहा है।
सोना-चांदी क्यों हो रहे हैं महंगे या सस्ते?
इन धातुओं की कीमतें सीधे जुड़ी होती हैं ग्लोबल इकोनॉमिक हालात से। अभी जैसे ट्रेड वॉर, आर्थिक मंदी और अमेरिका की नीतियों का असर पूरी दुनिया पर पड़ रहा है, वैसे ही सोने और चांदी की कीमतों पर भी। साथ ही, भारत में टैरिफ, जीएसटी, मेकिंग चार्ज और लोकल टैक्स भी इन रेट्स को इधर-उधर घुमा देते हैं।
लेटेस्ट रेट्स पर एक नज़र:
धातु | रेट (प्रति 10 ग्राम/किलो) |
24 कैरेट सोना | ₹88,170 (IBA के अनुसार) |
22 कैरेट सोना | ₹83,000 (सराफा बाजार) |
18 कैरेट सोना | ₹67,910 (सराफा बाजार) |
चांदी (MCX) | ₹88,698 प्रति किलो |
चांदी (IBA) | ₹88,690 प्रति किलो |
चांदी (सराफा बाजार) | ₹94,000 प्रति किलो |
क्यों इतनी उथल-पुथल है?
- ग्लोबल इकोनॉमिक सिचुएशन – ट्रेड वॉर, मंदी, डॉलर की वैल्यू सब असर डालते हैं।
- लोकल टैक्स और चार्जेज – शहर के हिसाब से कीमतें बदलती हैं।
- डिमांड-सप्लाई गेम – जब डिमांड ज़्यादा होती है, कीमतें बढ़ती हैं।
शहरों में क्यों अलग हैं रेट्स?
दिल्ली, लखनऊ, जयपुर या चंडीगढ़ – हर शहर में सोने-चांदी के दाम थोड़े अलग होते हैं। वजह है वहां के लोकल टैक्स, मेकिंग चार्ज और जीएसटी रेट्स। इसलिए किसी भी ज्वेलरी शॉप में जाने से पहले एक बार ऑनलाइन रेट जरूर चेक कर लें।
कब खरीदें सोना-चांदी?
अब ये सवाल सबसे बड़ा है। सटीक टाइमिंग तो कोई नहीं बता सकता, लेकिन त्योहारों जैसे अक्षय तृतीया, धनतेरस पर खरीदारी ज्यादा होती है। ऐसे टाइम पर कीमतें थोड़ी स्थिर रहती हैं और ऑफर्स भी मिल जाते हैं।
निवेश के लिहाज से क्या करें?
- मार्केट न्यूज़ और अपडेट्स पर नज़र रखें।
- निवेश प्लान को समय-समय पर अपडेट करें।
- ज्वेलरी खरीदने से पहले अलग-अलग दुकानों के रेट्स की तुलना जरूर करें।
क्या सावधानी बरतनी चाहिए?
- हर निवेश में रिस्क होता है, सोना-चांदी भी इससे अछूते नहीं।
- बाजार में उतार-चढ़ाव आम बात है, घबराएं नहीं।
- लोकल टैक्स और छुपे हुए चार्जेस पर ध्यान दें।
सोने और चांदी की कीमतों में बदलाव एक नेचुरल प्रोसेस है, जो दुनियाभर की इकोनॉमिक हलचलों और देश की पॉलिसियों पर टिका होता है। समझदारी से सोचकर निवेश करें और हमेशा ताज़ा जानकारी पर नज़र रखें।