DA Hike Updates : मध्य प्रदेश के सरकारी कर्मचारियों और पेंशनर्स को 4% महंगाई भत्ते (DA) की बढ़ोतरी का बेसब्री से इंतजार है।
दूसरी तरफ, छत्तीसगढ़ और राजस्थान के कर्मचारियों की जेब में पहले ही बढ़ा हुआ DA पहुंच चुका है। लेकिन MP में मामला चुनाव आचार संहिता में अटक गया है।
राज्य के 7 लाख से ज्यादा कर्मचारी और अफसर अब 3 मई के चुनाव परिणामों का इंतजार कर रहे हैं, क्योंकि तभी सरकार कोई ठोस फैसला ले सकेगी।
हालांकि, कर्मचारियों की नाराज़गी के बाद अब वित्त विभाग ने चुनाव आयोग को एक बार फिर से DA बढ़ोतरी का प्रस्ताव भेजा है।
छत्तीसगढ़ और राजस्थान ने दिखाई राह
जहां राजस्थान और छत्तीसगढ़ ने आचार संहिता के बावजूद अपने कर्मचारियों को राहत दे दी, वहीं MP में अब तक सिर्फ फॉर्मेलिटीज़ चल रही हैं। कर्मचारी संगठन गुस्से में हैं और आरोप लगा रहे हैं कि सरकार “जानबूझकर देरी” कर रही है।
उनका कहना है कि अगर दूसरे राज्यों में चुनाव के बीच DA बढ़ सकता है, तो MP में क्यों नहीं? बस सरकार की मंशा होनी चाहिए।
क्या है मामला?
वर्तमान में मध्य प्रदेश के कर्मचारियों को 42% DA मिल रहा है। प्रस्तावित 4% बढ़ोतरी के बाद यह 46% हो जाएगा, जो केंद्र सरकार के कर्मचारियों के बराबर होगा। इस बढ़ोतरी से कर्मचारियों को 600 से लेकर ₹5,700 तक मासिक फायदा हो सकता है।
साथ ही, अगर यह बढ़ोतरी जुलाई 2025 से लागू होती है, तो कर्मचारियों को जनवरी से नवंबर तक का एरियर भी मिलेगा। इसका सीधा मतलब – एक बड़ा बकाया रकम जो सीधे बैंक खाते में आएगा।
चुनाव आयोग की मंजूरी जरूरी
DA बढ़ोतरी को वित्तीय लाभ माना जाता है, इसलिए चुनाव आचार संहिता के चलते इसे लागू करने से पहले चुनाव आयोग की मंजूरी जरूरी है। इसी चक्कर में यह मामला अभी रुका हुआ है।
लेकिन जानकारों का मानना है कि DA एक नियमित प्रक्रिया है, इसे चुनावी फायदे के रूप में नहीं देखा जाना चाहिए। अगर दूसरे राज्यों में यह संभव है, तो यहां क्यों नहीं?
कर्मचारियों की उम्मीदें और सरकार का अगला कदम
कर्मचारी संगठन चाह रहे हैं कि सरकार जल्द से जल्द इस पर फैसला ले। बढ़ती महंगाई के बीच DA बढ़ोतरी एक जरूरी राहत है। वित्त विभाग ने चुनाव आयोग को प्रस्ताव भेज दिया है, लेकिन फाइनल मंजूरी अब 3 मई के बाद ही संभव है।
इस बीच कर्मचारी एरियर और बढ़े हुए वेतन का सपना देख रहे हैं, और सरकार से यही उम्मीद कर रहे हैं कि फैसला जल्दी आए।
महंगाई से राहत के लिए DA बढ़ोतरी बेहद जरूरी है। अगर सरकार सच में कर्मचारियों की परवाह करती है, तो उसे राजस्थान और छत्तीसगढ़ की तरह तुरंत निर्णय लेना चाहिए।
अब नजरें टिकी हैं चुनाव परिणामों पर – देखना होगा कि 3 मई के बाद सरकार कर्मचारियों को कितनी राहत देती है।