FD Investment – अगर आप भी उन लोगों में से हैं जो अपना पैसा फिक्स्ड डिपॉजिट यानी FD में लगाकर निश्चिंत हो जाते हैं, तो ज़रा रुकिए। FD को लेकर एक भरोसा बना हुआ है कि इसमें पैसा पूरी तरह सुरक्षित रहता है और ब्याज भी फिक्स मिलता है। लेकिन असल में कुछ बातें ऐसी हैं जो बैंक आपको नहीं बताते और जिन्हें जानना आपके लिए बहुत जरूरी है।
यहां हम आपको FD से जुड़ी पांच ऐसी बातें बताने जा रहे हैं, जिन्हें जानकर आप समझ पाएंगे कि यह निवेश विकल्प कितना सही है और किन बातों का ध्यान रखना बेहद जरूरी है।
FD का पैसा पूरी तरह सुरक्षित नहीं होता
FD को अक्सर लोग सबसे सेफ इन्वेस्टमेंट मानते हैं, लेकिन इसका मतलब ये नहीं कि आपका पूरा पैसा हर हाल में सुरक्षित रहेगा। अगर बैंक किसी वजह से डिफॉल्ट कर जाता है यानी दिवालिया हो जाता है, तो आपके पैसे की गारंटी सिर्फ 5 लाख रुपये तक ही होती है।
यह सुरक्षा DICGC (डिपॉजिट इंश्योरेंस एंड क्रेडिट गारंटी कॉरपोरेशन) द्वारा दी जाती है। लेकिन यहां भी एक ट्विस्ट है – ये 5 लाख की लिमिट सिर्फ FD पर नहीं, बल्कि उस बैंक में आपके सभी अकाउंट जैसे सेविंग्स, करंट या आरडी समेत लागू होती है।
मतलब अगर आपने एक ही बैंक में सेविंग्स, FD और RD – तीनों में पैसे रखे हैं और टोटल अमाउंट 5 लाख से ज्यादा है, तो आपको सिर्फ 5 लाख की ही गारंटी मिलेगी। बाकी का पैसा रिस्क पर है।
FD के ब्याज पर देना होता है टैक्स
FD में मिलने वाला ब्याज गारंटीड जरूर होता है, लेकिन उस पर टैक्स देना भी जरूरी होता है। यह बात बहुत से लोग नजरअंदाज कर देते हैं। जब आप इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करते हैं, तो FD पर मिला ब्याज आपकी इनकम में जोड़ा जाता है और उस पर टैक्स लगता है।
इसके उलट अगर आप PPF या कुछ पेंशन स्कीम्स में निवेश करते हैं, तो उनमें मिलने वाला ब्याज टैक्स फ्री होता है। इसलिए टैक्स प्लानिंग करते समय यह बात ध्यान में रखना बेहद जरूरी है।
लंबे समय की FD में ब्याज का नुकसान
FD में निवेश करने का एक बड़ा फायदा यह होता है कि आपको शुरुआत में तय किया गया ब्याज पूरे समय मिलता है। लेकिन यही चीज लंबे समय में नुकसानदायक भी हो सकती है।
मान लीजिए आपने 5 साल के लिए FD करा दी और अगले साल बैंक ने ब्याज दरें बढ़ा दीं, तो आपको उसका फायदा नहीं मिलेगा। आपका ब्याज रेट वहीं का वहीं रहेगा, जबकि नए निवेशकों को ज्यादा ब्याज मिलने लगेगा।
इसलिए अगर आपको लगता है कि आने वाले समय में ब्याज दरें बढ़ सकती हैं, तो लंबी अवधि की FD करने से पहले सोचिए।
समय से पहले तोड़ने पर लगेगी पेनाल्टी
FD एक तय समय के लिए होती है – जैसे 1 साल, 3 साल या 5 साल। लेकिन अगर आपको पैसों की जरूरत पड़ जाए और आप FD को मैच्योरिटी से पहले तोड़ देते हैं, तो बैंक आपसे पेनाल्टी वसूल सकता है।
हर बैंक की पेनाल्टी पॉलिसी अलग होती है, लेकिन अक्सर कुछ प्रतिशत ब्याज काट लिया जाता है या कम रेट से ब्याज दिया जाता है। मतलब जो आपको मिलना चाहिए था, उससे कम मिलेगा।
FD के अलावा भी हैं बढ़िया विकल्प
FD को लोग सेफ मानते हैं, लेकिन इसका ये मतलब नहीं कि यही सबसे बेहतर विकल्प है। आज के समय में कई और निवेश विकल्प हैं जो ना सिर्फ सुरक्षित हैं, बल्कि बेहतर रिटर्न भी दे सकते हैं।
जैसे म्यूचुअल फंड्स – इनमें थोड़ा रिस्क जरूर है, लेकिन अच्छे फंड्स में लॉन्ग टर्म में 12 से 20 प्रतिशत तक का सालाना रिटर्न भी मिल सकता है।
इसके अलावा पब्लिक प्रोविडेंट फंड, नेशनल पेंशन स्कीम, बॉन्ड्स वगैरह भी अच्छे विकल्प हैं, जिन्हें एक बार जरूर देखना चाहिए।
FD एक अच्छा निवेश विकल्प हो सकता है, लेकिन इसे आंख मूंदकर अपनाना समझदारी नहीं है। FD में निवेश करने से पहले ये जरूर जान लीजिए कि आपका पैसा कहां जा रहा है, कितनी सुरक्षा है, टैक्स कितना देना पड़ेगा, और अगर समय से पहले पैसे चाहिए हों तो कितना नुकसान होगा।
FD की सबसे बड़ी खासियत होती है इसकी गारंटी – लेकिन सिर्फ इस गारंटी के भरोसे अपने सारे पैसे FD में लगाना सही नहीं। समझदारी यही है कि आप FD के साथ-साथ दूसरे विकल्पों में भी थोड़ा-थोड़ा निवेश करें ताकि आपका पैसा सुरक्षित भी रहे और बेहतर रिटर्न भी मिले।