Income Tax New Update : हर साल की तरह इस बार भी इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) फाइल करना टैक्सपेयर्स के लिए एक अहम काम है। लेकिन इस बार सरकार ने एक ऐसा बदलाव किया है जिससे काफी लोगों को बड़ी राहत मिल सकती है।
CBDT (केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड) ने वित्त वर्ष 2024-25 के लिए ITR-1 और ITR-4 फॉर्म को पहले ही नोटिफाई कर दिया है। इस बार सबसे बड़ा अपडेट है – ITR-1 में लॉन्ग-टर्म कैपिटल गेन (LTCG) को शामिल करना।
क्या है ITR-1 में नया?
पहले ITR-1 सिर्फ उन लोगों के लिए था जिनकी कमाई सैलरी, हाउस रेंट और बैंक इंटरेस्ट तक सीमित थी। लेकिन अब इसमें लिस्टेड शेयरों और इक्विटी ओरिएंटेड म्यूचुअल फंड से हुई 1.25 लाख रुपये तक की LTCG को भी जोड़ा गया है।
यानी अगर आपने थोड़ा-बहुत स्टॉक या म्यूचुअल फंड में निवेश किया है और उससे कमाई हुई है, तो अब आपको ITR-2 भरने की जरूरत नहीं पड़ेगी।
कौन भर सकता है ITR-1?
- आपकी कुल आय 50 लाख रुपये से कम होनी चाहिए
- आप एक नॉर्मल रेसिडेंट हों
- आय के स्रोत: सैलरी, एक हाउस प्रॉपर्टी से इनकम, बैंक इंटरेस्ट
- LTCG की लिमिट – 1.25 लाख रुपये तक (सेक्शन 112A के तहत)
कौन नहीं भर सकता ITR-1?
- कंपनी का निदेशक
- जिनके पास नॉन-लिस्टेड शेयर हों
- जिन पर सेक्शन 194N के तहत TDS कटता है
ITR-4 किसके लिए है?
ITR-4 उन टैक्सपेयर्स के लिए है जो छोटा बिजनेस या फ्रीलांस प्रोफेशन करते हैं, और प्रिजम्पटिव इनकम स्कीम के तहत टैक्स भरते हैं। मतलब – छोटे दुकानदार, प्रोफेशनल्स, सैल्फ-एम्प्लॉयड लोग जिनकी इनकम 50 लाख से कम है।
लेकिन ध्यान दें:
- निदेशक या नॉन-लिस्टेड शेयर होल्डर इस फॉर्म का उपयोग नहीं कर सकते
क्यों है यह बदलाव फायदेमंद?
अब तक जिन टैक्सपेयर्स की थोड़ी बहुत LTCG इनकम थी, उन्हें जबरदस्ती ITR-2 भरना पड़ता था – जो लंबा और टेढ़ा काम होता है।
लेकिन अब 1.25 लाख रुपये तक की कैपिटल गेन को सीधे ITR-1 में रिपोर्ट किया जा सकता है। इससे न सिर्फ फॉर्म भरने में आसानी होगी बल्कि टैक्स फाइलिंग का समय भी बचेगा।
सरल हुआ प्रोसेस, बचा समय
ये बदलाव सरकार की उस कोशिश का हिस्सा है जिससे आम टैक्सपेयर्स के अनुभव को बेहतर बनाया जा सके। अब छोटे निवेशकों और सीमित कमाई वालों के लिए टैक्स फाइल करना पहले से ज्यादा आसान हो गया है।