Multiple Bank Accounts – आजकल बैंकिंग हमारे जीवन का अहम हिस्सा बन चुका है। यूपीआई, इंटरनेट बैंकिंग और डिजिटल पेमेंट के दौर में बैंक अकाउंट होना तो जरूरी है, लेकिन कई लोग एक से ज्यादा अकाउंट भी रखते हैं। कई बार नौकरी बदलने या अलग-अलग सुविधाओं के लिए लोग नए बैंक अकाउंट खुलवा लेते हैं। हालांकि, एक से ज्यादा बैंक अकाउंट रखना जितना आसान लगता है, उतना फायदेमंद नहीं होता।
अगर आपके पास दो या तीन बैंक अकाउंट हैं, तो आपको कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। चलिए, जानते हैं कि ज्यादा बैंक अकाउंट रखने से क्या दिक्कतें हो सकती हैं और इससे कैसे बचा जा सकता है।
हर अकाउंट में बैलेंस बनाए रखना जरूरी
हर बैंक अकाउंट में एक निश्चित न्यूनतम राशि बनाए रखना जरूरी होता है, जिसे Minimum Balance कहा जाता है। अगर आपके पास कई बैंक अकाउंट हैं, तो हर अकाउंट में बैलेंस बनाए रखना मुश्किल हो जाता है।
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अगर किसी अकाउंट में बैलेंस कम हो जाता है, तो बैंक पेनल्टी काट सकता है। यानी आपका पैसा बैंकों में ही फंसा रह जाता है, जबकि आप इस पैसे को किसी अच्छे निवेश में लगाकर ज्यादा मुनाफा कमा सकते थे।
बैंकिंग चार्ज और मेंटेनेंस फीस का झंझट
बैंक अकाउंट के साथ कई तरह की सुविधाएं मिलती हैं, लेकिन इसके बदले बैंक सालाना मेंटेनेंस चार्ज, डेबिट-क्रेडिट कार्ड फीस और सर्विस चार्ज भी वसूलता है।
- हर अकाउंट पर ATM/Debit Card चार्ज देना पड़ता है।
- कुछ बैंक SMS और अन्य सुविधाओं के लिए भी शुल्क वसूलते हैं।
- अगर बैलेंस मेंटेन नहीं किया, तो पेनल्टी भी देनी पड़ती है।
इसका मतलब यह हुआ कि ज्यादा बैंक अकाउंट रखने से आपको अलग-अलग बैंकों को मेंटेनेंस चार्ज देना पड़ेगा, जिससे आपकी बचत कम हो सकती है।
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क्रेडिट स्कोर पर असर पड़ सकता है
अगर आपके पास कई बैंक अकाउंट हैं और उनमें से कुछ इन्हें लंबे समय तक इस्तेमाल नहीं कर रहे हैं, तो यह आपके क्रेडिट स्कोर पर असर डाल सकता है।
- अगर किसी अकाउंट में न्यूनतम बैलेंस नहीं है, तो बैंक उसे इनएक्टिव कर सकता है।
- बहुत सारे इनएक्टिव अकाउंट होने पर आपका क्रेडिट स्कोर गिर सकता है।
- खराब क्रेडिट स्कोर होने से लोन लेने में दिक्कत हो सकती है।
इसलिए अगर आपके पास कई बैंक अकाउंट हैं, तो उन्हें समय-समय पर एक्टिव रखना जरूरी है।
टैक्स भरने में हो सकती है दिक्कत
अगर आपके पास कई बैंक अकाउंट हैं, तो टैक्स फाइल करते समय आपको ज्यादा मेहनत करनी पड़ सकती है।
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- इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) फाइल करते समय हर बैंक अकाउंट का विवरण देना जरूरी होता है।
- ज्यादा अकाउंट होने पर सभी अकाउंट के स्टेटमेंट का रिकॉर्ड रखना मुश्किल हो सकता है।
- अगर आपने किसी अकाउंट की जानकारी नहीं दी, तो इनकम टैक्स डिपार्टमेंट आपसे पूछताछ कर सकता है।
इसलिए टैक्स फाइल करने में आसानी के लिए जरूरी बैंक अकाउंट ही रखें और बाकी को बंद करा दें।
नौकरी बदलने पर सैलरी अकाउंट हो सकता है सेविंग अकाउंट में कन्वर्ट
जब आप नौकरी बदलते हैं, तो आपका सैलरी अकाउंट सेविंग अकाउंट में बदल सकता है।
- अगर किसी सैलरी अकाउंट में तीन महीने तक सैलरी नहीं आती, तो वह सेविंग अकाउंट बन जाता है।
- सेविंग अकाउंट में मिनिमम बैलेंस मेंटेन करना जरूरी होता है, जबकि सैलरी अकाउंट में इसकी जरूरत नहीं होती।
- अगर आप न्यूनतम बैलेंस नहीं रखते, तो बैंक आपके अकाउंट से पेनल्टी काट सकता है।
इसलिए अगर आपने नौकरी बदल ली है, तो पुराने बैंक अकाउंट को बंद कराने पर विचार करें।
तो क्या करें? कितने बैंक अकाउंट रखना सही है?
बिल्कुल, एक से ज्यादा बैंक अकाउंट रखना गलत नहीं है, लेकिन जरूरत से ज्यादा अकाउंट रखना सही नहीं है। अगर आप फाइनेंशियल प्लानिंग को सही तरीके से मैनेज करना चाहते हैं, तो कुछ बातों का ध्यान रखें।
सिर्फ जरूरी अकाउंट ही रखें
अगर आपके पास तीन-चार अकाउंट हैं, तो उन अकाउंट को बंद करने का सोचें जिनका ज्यादा इस्तेमाल नहीं होता।
मिनिमम बैलेंस का ध्यान रखें
अगर आपके पास एक से ज्यादा अकाउंट हैं, तो हर अकाउंट में मिनिमम बैलेंस बनाए रखें, ताकि बैंक पेनल्टी न काटे।
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टैक्स की प्लानिंग पहले से करें
इनकम टैक्स भरते समय आपको सभी बैंक अकाउंट की जानकारी देनी होती है, इसलिए सालभर अपने बैंकिंग ट्रांजैक्शन का रिकॉर्ड रखें।
निवेश की प्लानिंग करें
अगर आपके पैसे बैंक अकाउंट में ही पड़े हैं और कोई अच्छा रिटर्न नहीं मिल रहा, तो आप म्यूचुअल फंड, एफडी या अन्य निवेश विकल्पों में निवेश कर सकते हैं।
एक से ज्यादा बैंक अकाउंट रखना सही हो सकता है, लेकिन अगर जरूरत से ज्यादा अकाउंट हैं तो यह परेशानी का कारण बन सकता है। अतिरिक्त मेंटेनेंस चार्ज, मिनिमम बैलेंस, टैक्स फाइलिंग की झंझट और क्रेडिट स्कोर पर असर जैसी समस्याओं से बचने के लिए सिर्फ जरूरी बैंक अकाउंट ही रखें और बाकी को बंद कराने पर विचार करें।