New GPS Toll System – अगर आप भी हाईवे पर सफर करते हैं और हर बार टोल प्लाजा पर लंबी कतारों में फंसकर परेशान हो जाते हैं, तो आपके लिए एक बहुत ही राहत की खबर है। सरकार अब देशभर में टोल वसूली का पूरा सिस्टम बदलने जा रही है। जी हां, अब टोल प्लाजा की जगह GPS बेस्ड एकदम हाईटेक सिस्टम आने वाला है। मई 2025 से ये नया सिस्टम लागू हो जाएगा और इससे आम जनता को सीधा फायदा मिलेगा।
क्या है यह नया टोल सिस्टम?
इसका नाम है GNSS आधारित टोलिंग सिस्टम, जिसे आम भाषा में GPS Toll System भी कहा जा रहा है। इसमें सैटेलाइट और डिजिटल तकनीक की मदद से टोल वसूली होगी। अब आपको किसी टोल प्लाजा पर रुकने की ज़रूरत नहीं पड़ेगी। जैसे ही आपका वाहन हाईवे पर चलेगा, आपके बैंक खाते या वॉलेट से उतनी दूरी के हिसाब से टोल अपने आप कट जाएगा।
क्या-क्या मिलेंगी सुविधाएं?
इस नई व्यवस्था के तहत कई ऐसे फायदे हैं जो आपको सीधे महसूस होंगे:
- 20 KM तक यात्रा बिल्कुल फ्री: अब अगर आप छोटी दूरी की यात्रा कर रहे हैं यानी 20 किलोमीटर तक, तो एक भी रुपया टोल नहीं देना पड़ेगा।
- ₹3000 में सालभर टोल फ्री यात्रा: आप एक साल के लिए ₹3000 देकर वार्षिक पास ले सकते हैं, और उसके बाद किसी भी हाईवे पर टोल की चिंता नहीं।
- फास्टैग की छुट्टी: फास्टैग जैसी तकनीकी झंझट अब खत्म होने वाली है। न फास्टैग स्कैन न होने का झंझट, न बैलेंस खत्म होने की टेंशन।
- ट्रैफिक से राहत: टोल प्लाजा पर लगने वाली लंबी लाइनें भी अब इतिहास बनने वाली हैं।
- डिजिटल पेमेंट: अब सारा टोल डिजिटल तरीके से कटेगा, कैश या कार्ड की जरूरत नहीं।
कैसे काम करेगा ये सिस्टम?
हर गाड़ी में एक OBU (On-Board Unit) डिवाइस लगेगी, जो GPS के जरिए आपकी लोकेशन ट्रैक करेगी। जैसे ही आपकी गाड़ी हाईवे में प्रवेश करेगी, यह डिवाइस एक्टिव होकर सफर की दूरी मापेगी और उसी आधार पर आपके खाते से टोल कट जाएगा।
साथ ही, इसमें ANPR (Automatic Number Plate Recognition) और GIS (Geographic Information System) जैसी एडवांस तकनीकों का भी इस्तेमाल होगा। इसका ट्रायल अभी दिल्ली-जयपुर हाईवे पर शुरू हो चुका है और मई 2025 से इसे देशभर में लागू करने की योजना है।
क्या फायदे होंगे आम जनता को?
- समय की बचत: टोल प्लाजा पर रुकने की जरूरत नहीं।
- ईंधन की बचत: गाड़ी बार-बार ब्रेक नहीं लेगी, तो फ्यूल भी बचेगा।
- पारदर्शिता: जितनी दूरी, उतना ही टोल। मनमानी वसूली नहीं।
- कम खर्च: फास्टैग में फिक्स टोल लगता था, लेकिन अब ‘Pay As You Drive’ का सिस्टम होगा।
- सुविधा: सालभर के लिए पास लेकर बिना चिंता सफर।
लेकिन कुछ चुनौतियां भी हैं
जहां फायदे हैं, वहां कुछ दिक्कतें भी हो सकती हैं:
- OBU डिवाइस की लागत: हर वाहन में OBU लगवाना जरूरी होगा, जो शुरू में महंगा लग सकता है।
- डिजिटल जानकारी की कमी: गांव या छोटे कस्बों में रहने वाले लोगों को डिजिटल सिस्टम अपनाने में दिक्कत हो सकती है।
- प्राइवेसी चिंता: हर वक्त गाड़ी की लोकेशन ट्रैक होगी, जिससे डेटा सिक्योरिटी का सवाल उठता है।
- तकनीकी समस्याएं: GPS, नेटवर्क, डिवाइस फेल होने जैसी समस्याएं भी सामने आ सकती हैं।
टोल प्लाजा का क्या होगा?
शुरुआत में टोल प्लाजा पूरी तरह नहीं हटाए जाएंगे। कुछ जगहों पर GNSS सिस्टम और पुराने फास्टैग सिस्टम दोनों साथ-साथ चलेंगे। लेकिन जैसे-जैसे देशभर में GNSS सिस्टम फैलता जाएगा, वैसे-वैसे टोल प्लाजा बंद होते जाएंगे।
सरकार की तैयारी क्या है?
सरकार का लक्ष्य है कि अगले 2-3 साल में पूरे देश के नेशनल हाईवे इस नए सिस्टम से लैस हो जाएं। यह न केवल भारत को आधुनिक बनाएगा, बल्कि यह पूरी दुनिया में भारत को एक डिजिटल ट्रांसपोर्ट लीडर बना सकता है।
अब वो दिन दूर नहीं जब आपको टोल प्लाजा पर रुकने की झंझट नहीं होगी, न फास्टैग की परेशानी और न ही मनमानी वसूली का डर। सिर्फ GPS डिवाइस लगे वाहन से हाईवे पर चलिए और जितनी दूरी तय करें, उतना ही टोल चुकाइए – और वो भी बिना रुके।
सालभर के ₹3000 के पास से सफर की आजादी मिलेगी और छोटी दूरी की यात्रा तो पूरी तरह मुफ्त हो जाएगी। हां, शुरुआत में थोड़ी दिक्कतें जरूर आएंगी, लेकिन एक बार जब यह व्यवस्था पूरी तरह लागू हो जाएगी, तो यह भारत के टोल सिस्टम को पूरी तरह बदल देगी।