Personal Loan Rule : आज की जिंदगी में अचानक पैसे की जरूरत किसी को भी पड़ सकती है – कभी मेडिकल इमरजेंसी, कभी बच्चों की पढ़ाई, शादी या फिर कोई और जरूरी खर्च।
ऐसे में ज़्यादातर लोग सीधे पर्सनल लोन की तरफ भागते हैं क्योंकि इसमें जल्दी पैसा मिलता है और कोई प्रॉपर्टी गिरवी भी नहीं रखनी पड़ती।
लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि यह जितना आसान दिखता है, उतना ही रिस्की भी हो सकता है? आइए जानते हैं कि पर्सनल लोन आखिर होता क्या है, इसके फायदे क्या हैं और नुकसान किन बातों से हो सकते हैं।
पर्सनल लोन क्या है?
यह एक ऐसा लोन है जो बिना किसी गारंटी या कोलैटरल के दिया जाता है। बैंक आपकी सैलरी, क्रेडिट स्कोर और चुकाने की क्षमता देखकर ही लोन पास करते हैं। यह लोन 50 हजार से लेकर 50 लाख तक हो सकता है। ब्याज दर आमतौर पर 10.5% से 24% के बीच होती है।
क्यों पसंद करते हैं लोग पर्सनल लोन?
- बिना किसी प्रॉपर्टी या गहने के लोन मिल जाता है
- प्रोसेस जल्दी होता है – कई बार 24 घंटे में पैसा अकाउंट में
- इसका उपयोग आप किसी भी चीज के लिए कर सकते हैं
- EMI फिक्स होती है, जिससे बजट बनाना आसान होता है
- समय पर किश्त चुकाएं तो क्रेडिट स्कोर भी सुधरता है
लेकिन दिक्कतें भी हैं…
सबसे पहले तो ब्याज दर काफी ज्यादा होती है। इसके अलावा, बहुत से लोग छिपे हुए चार्ज जैसे प्रोसेसिंग फीस, लेट पेमेंट चार्ज, और प्री-पेमेंट पेनल्टी को नजरअंदाज कर देते हैं, जो बाद में जेब पर भारी पड़ते हैं।
और अगर आपने किश्त नहीं चुकाई, तो बात सिर्फ रिकवरी कॉल्स तक नहीं रहती। बैंक कानूनी नोटिस भेज सकता है, रिकवरी एजेंट आपके घर तक पहुंच सकते हैं, और आखिरकार कोर्ट केस भी हो सकता है। कई मामलों में आपकी सैलरी, बैंक अकाउंट या संपत्ति जब्त हो सकती है।
अगर आपने लोन लेने के लिए गलत जानकारी दी है, तो आपके खिलाफ IPC की धारा 420 के तहत केस दर्ज हो सकता है – जिसमें 7 साल तक की जेल हो सकती है।
RBI क्या कहता है?
RBI ने रिकवरी के लिए कुछ नियम बनाए हैं – बैंक या उनके एजेंट आपको धमका नहीं सकते, रात 7 बजे के बाद कॉल नहीं कर सकते और परिवार को परेशान नहीं कर सकते। अगर कोई ऐसा करता है, तो आप RBI लोकपाल या उपभोक्ता अदालत में शिकायत कर सकते हैं।
पर्सनल लोन से पहले क्या सोचना चाहिए?
- क्या वाकई लोन की जरूरत है?
- EMI आपकी सैलरी का 40% से ज्यादा तो नहीं?
- ब्याज दर और चार्जेस की ठीक से तुलना की है?
- क्या समय पर किश्त चुका पाएंगे?
अगर लोन नहीं लेना चाहते तो क्या विकल्प हैं?
- गोल्ड लोन (अगर आपके पास सोना है)
- सिक्योर्ड लोन (जैसे FD के बदले)
- क्रेडिट कार्ड EMI
- परिवार या दोस्तों से मदद
पर्सनल लोन जरूरत के वक्त मददगार हो सकता है, लेकिन इसे हल्के में नहीं लेना चाहिए। यह कोई बोनस या इनकम नहीं है, बल्कि एक जिम्मेदारी है। सोच-समझकर ही लोन लें और समय पर किश्त चुकाएं – वरना फायदे की जगह नुकसान ज्यादा होगा।