RBI Rules : हम में से ज़्यादातर लोग अपनी मेहनत की कमाई को बैंक में इसलिए रखते हैं ताकि वह पूरी तरह सुरक्षित रहे। लेकिन हाल ही में RBI द्वारा न्यू इंडिया को-ऑपरेटिव बैंक पर लगाए गए 6 महीने के प्रतिबंध ने इस भरोसे पर सवाल खड़े कर दिए हैं। अब लोग पूछ रहे हैं – “अगर बैंक डूब गया तो हमारा पैसा क्या होगा?
बैंक फेल हो जाए तो क्या होगा?
जब किसी बैंक की हालत खराब हो जाती है, या RBI को उसकी वित्तीय स्थिति पर शक होता है, तो वो उस बैंक पर पाबंदी लगा देता है। इसका मतलब होता है – न तो नया लेन-देन, न लोन, और न ही आसानी से पैसा निकालना।
ऐसे में सबसे बड़ा सवाल यही होता है – क्या आपका पैसा सुरक्षित है?
RBI की लिमिट – सिर्फ 5 लाख रुपये तक ही सुरक्षा
अगर आपने बैंक में 10 लाख रुपये जमा किए हैं, और वह बैंक फेल हो जाए, तो आपको सिर्फ 5 लाख रुपये तक की ही गारंटी मिलती है। यह सुरक्षा DICGC यानी डिपॉजिट इंश्योरेंस एंड क्रेडिट गारंटी कॉरपोरेशन के तहत दी जाती है।
इस 5 लाख में आपके सेविंग अकाउंट, FD, करंट अकाउंट – सब कुछ शामिल है। यानी अगर आपके कई खाते हैं, फिर भी कुल मिलाकर 5 लाख ही वापस मिलेंगे।
तो क्या करें?
अब सवाल है कि 5 लाख से ज्यादा बचत करने वालों को क्या करना चाहिए?
- पैसा अलग-अलग बैंकों में रखें: अगर आपके पास 15 लाख हैं, तो तीन बैंकों में 5-5 लाख बांट दें। हर बैंक में अलग से 5 लाख की सुरक्षा मिलेगी।
- बड़े बैंकों को प्राथमिकता दें: को-ऑपरेटिव और छोटे बैंकों की तुलना में बड़े सरकारी और प्राइवेट बैंकों की हालत आमतौर पर बेहतर रहती है।
- बैंक की हालत जांचें: बैंक की एनपीए स्थिति, बैलेंस शीट, क्रेडिट रेटिंग जैसी चीजों पर नजर रखें।
न्यू इंडिया को-ऑपरेटिव बैंक का मामला क्यों चर्चा में है?
RBI ने इस बैंक पर 6 महीने के लिए कई तरह की पाबंदियां लगाई हैं। ग्राहक न तो नया खाता खोल सकते हैं और न ही अपनी रकम निकाल सकते हैं। ऐसे में जिनके खाते में लाखों रुपये हैं, वो सिर्फ 5 लाख रुपये तक की गारंटी पर टिके हुए हैं।
क्या RBI कुछ करता नहीं?
RBI की जिम्मेदारी है कि बैंकिंग सिस्टम में भरोसा बना रहे। जब कोई बैंक गड़बड़ करता है, तो RBI समय रहते उस पर अंकुश लगाता है ताकि नुकसान सीमित हो। लेकिन इसका मतलब ये भी होता है कि ग्राहकों की रकम फंस सकती है – अगर उन्होंने सावधानी नहीं बरती।
अगर आप भी सोचते हैं कि “एक ही बैंक में सारा पैसा रखना आसान है,” तो अब समय आ गया है सोच बदलने का। थोड़ी सी प्लानिंग से आप अपने पैसे को ज्यादा सुरक्षित रख सकते हैं।